दयानंद दिव्य दर्शन Dayanand Divy Darshan
Rs.10.80
दयानन्द दिव्य दर्शन यह कोई पुस्तक नहीं है। वास्तव में पं. देवेन्द्र नाथ मुखोपाध्याय जो महर्षि दयानन्द जीवन के प्रामाणिक लेखक हैं। जिन्होंने आर्यसमाजी न होने परभी अपनी दयानन्द भक्ति के वशीभूत होकर जीवन के पन्द्रह वर्ष से अधिक समय दयानन्द जीवन चरित के प्रामाणिक लेखन `के लिए खोज में लगाये। इस के लिए उन्होंने अपना कितना धन व्यय किया और कितने कष्ट सहन किये इसका हिसाब लगाना संभव नहीं है। यह दुःख और दुर्भाग्य की बात है जब उन्होंने सामग्री का संकलन करके जीवन चरित लेखन का कार्य प्रारंम्भ किया था कि उनका स्वर्गवास हो गया। उनके द्वारा एकत्रित की गई सामग्री के आधार पर पण्डित घासीराम जी ने लिखित सामग्री का हिन्दी में अनुवाद करके स्वामीजी महाराज का जीवन चरित लिखा है। श्री देवेन्द्रनाथ मुखोपाध्याय जैसा सुन्दर, प्रामाणिक और विस्तृत जीवन चरित लिखने की कल्पना संजोये थे वह अकाल में ही काल कवलित हो गई और आर्यजगत् एक अनुपम ग्रन्थ से वञ्चित हो गया। यह तो ईश्वरेच्छा है इसमें किसका वश है। परन्तु उन्होंने जीवन चरित की भूमिका के रूप में जो भी लिखा है • वह उनके विचार और स्वापीजी के प्रति उनकी भावना को प्रकाशित करने के लिए पर्याप्त है। ये थोड़े से पृष्ठ उस महान् • व्यक्तित्व का संक्षिप्त रूप है परन्तु ऋषि जीवन का कोई पक्ष अछूता नहीं रह गया है जिस पर प्रकाश नहीं डाला गया है। थोड़े शब्दों में ऋषि की महत्ता को समझने का यह सफल प्रयास है। जो भी व्यक्ति इसे पढ़ेगा वह लेखक के विचार व उद्देश्य से सहमत हुए बिना नहीं रह सकता यह पुस्तक की विशेषता है।
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