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Satyarth prakash (सत्यार्थ प्रकाश )
Rs.80.00Sold By : The Rishi Mission Trustसत्यार्थ प्रकाश ऋषि दयानंद सरवती द्वारा रचित एक अनमोल ग्रंथ
धर्म क्या है अधर्म क्या है ,पाप क्या है पुण्य क्या है पाखंड किसे कहते है ईश्वर किसे कहते है कहाँ रहता है हमें किसकी आराधना करनी चाहिए किसकी नहीं करनी चाहिए मै कौन हूँ कहाँ से आया हूँ कहाँ जाऊंगा कहाँ से आया हूँ मेरा सनातन नाम क्या है यह संसार किसने बनाया है कौन इसे चला रहा है कौन इसे मिटाएगा ज्योतिष किसे कहते है कौन सी ज्योतिष सही है कौन सी ज्योतिष मिथ्या है आदि आदि जीवन के प्रत्येक पहलु को महर्षि ने ध्यान में रखकर यह ग्रंथ रचा है
महर्षि देव दयानंद सरस्वती द्वारा लिखित अमर कालजयी ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश यह पुस्तक १४ समुल्लासों अर्थात (अध्याय) में रचा गया है इसमें कुल ७३६ पृष्ठ हैं, जिसमें महर्षि ने ईश्वर किसे कहते है उसके क्या क्या नाम है प्रथम समुल्लास में बहुत ही अच्छी प्रकार से समझाया है, दुसरे समुल्लास में बाल शिक्षा के विषय में मात्रीवत समझाया है, तीसरे समुल्लास में बच्चों को क्या क्या शिक्षा देने योग्य है बताया है, चतुर्थ समुल्लास में विवाह आदि के विषय में बताया है, पंचम समुल्लास में वानप्रस्थ, संन्यास के सम्बन्ध में बताया है, छठे समुल्लास में राज व्यवस्था के बारे में बताया है, सातवें समुल्लास में ईश्वर विषयक भ्रांतियों का निराकरण किया है, आठवें समुल्लास में सृष्टि के विषय में बताया है नवमें समुल्लास में विद्या क्या है अविद्या क्या है बांध क्या है मोक्ष क्या है, दसम समुल्लास में करने योग्य कार्य क्या है न करने योग्य क्या है क्या भोजन करें क्या नहीं इस के विषय में बताया है, ग्यारहवें समुल्लास में हिन्दुओं में क्या क्या पाखंड फैला है जिससे हमारा कितना अहित हो रहा है, बारहवें समुल्लास में जैन मत के विषय में लिखा है, तेरहवें समुल्लास में ईसाईयों के विषय में लिखा है, चौदहवें समुल्लास में मुसलमानों के विषय में लिखा है व अंत में स्वयं महर्षि दयानन्द सरस्वती क्या मानते है आदि के विषय में अपना मत बताया है स्वामी दयानन्द सरस्वती जी द्वारा लिखित है आप इस कालजयी ग्रंथ को अवश्य एक बार पढ़ें
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