ANUBHUT AYURVED YOG SANGRAH अनुभूत आयुर्वेद योग संग्रह
Rs.414.00
आयुर्वेद विश्व को भारतवर्ष की देन और संसार का सबसे पुराना चिकित्सा विज्ञान माना जाता है। हालाँकि संसार में आजकल चिकित्सा की लगभग नब्बे पैथियाँ कार्यरत है और प्रत्येक पैथी का एक निश्चित चिकित्सा सिद्धान्त होता है। जैसे आधुनिक विज्ञान (एलोपैथी) का चिकित्सा सिद्धान्त है – बैक्टीरिया (BACTERIA), वायरस (VIRUS) और पैरासाइट वर्म- (PARASITE WORM) इसी प्रकार होम्योपैथी का चिकित्सा सिद्धान्त सोरा (SORA), सिफलिस (SYPHILIS) और साइकोसिस (SYCOSIS) है। इसी प्रकार आयुर्वेद का चिकित्सा सिद्धान्त – वात, पित्त और कफ है। इन तीनों के प्राकृत / समान अवस्था में रहने से शरीर स्वस्थ और इनके असमान होने पर शरीर रोगी हो जाता है। स्वास्थ्य का कारण होने से इन्हें ” धातु” कहा जाता है और रोगों को कारण होने से इन्हें “दोष” कहा जाता है। आयुर्वेद इन्हीं तीन (वायु, पित्त, कफ) को शरीर का मूल कारण मानता है।
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