नमस्ते जी !!! प्रत्येक ग्राहक के लिये 500/-से अधिक की खरीद करने पर अब इंडिया पोस्ट से पूर्णत: शिपिंग फ्री,ऋषि मिशन ट्रस्ट के पंजिकृत सदस्यता अभियान में शामिल हो कर ट्रस्ट द्वारा चलाई जा रही अनेक गतिविधियों का लाभ उठा सकते हैं। जिसमें 11 पुस्तक सेट (महर्षि दयानंद सरस्वती कृत), सदस्यता कार्ड, महर्षि का चित्र, 10% एक्स्ट्रा डिस्काउंट, अन्य अनेक लाभ/ विशेष सूचना अब आपको कोरियर से भी पुस्तकें भेजी जाती है,जो मात्र 1,7 दिन में पुरे भारत में डिलेवरी हो जाती है, इस सुविधा का खर्च आपको अतिरिक्त देना होता है

Rishi Mission is a Non Profitable Organization In India

Cart

Your Cart is Empty

Back To Shop
Sale!

Bahirang Yog

Rs.400.00

वेदों में आत्मा-परमात्मा, जड़-चेतन, लोक-परलोक, धर्माधर्म आदि लौकिक – अलौकिक विषयों के सम्बन्ध में कथित यथार्थता का दर्शन योग के द्वारा मानव कर सकते है; तथा त्रिगुणों के सहित प्रकृति और आत्मा के स्वरूपों का ‘प्रकति पुरूष – विवेक’ के द्वारा निर्भ्रान्त निश्चय कर सकते हैं। धर्माधर्म, पुण्यापुण्य, शुभाशुभ कर्मों के फल देने की रीति आदि को प्रत्यक्ष करके निजी जन्मान्तर का भी ज्ञान प्राप्त हो सकता है। योग हमें वह ‘दिव्य दृष्टि’ प्रदान करता है, जिसके द्वारा हम सांसारिक बाह्य- समस्याओं के साथ आन्तरिक – शङ्काओं का समाधान यथार्थतः प्राप्त करते हुए, अतीन्द्रिय तत्त्वों के सम्बन्ध में प्रचलित विविध मान्यताओं से उत्पन्न विवादों को सरलता से समाप्त कर सकेंगे; क्योकि अन्तिम एक सत्य का निर्भ्रान्त अटल साक्षात्कार हो जाने पर मतमतान्तरों के विवाद, झगड़े फिर स्वतः शान्त हो जायेंगे | योगानुष्ठान का मुख्य फल यही मिलता है कि योगी को भौतिक- अभौतिक पदार्थों का साक्षात्कार होकर, प्रकृति-पुरुष के यथार्थ स्वरूपों के दर्शन से प्रकृति के कष्टमय बन्धन से छूटकर, परमानन्दमय धाम ‘मोक्ष’ में स्थान मिल जाता है।

योग के ऊपर-कथित इस उद्देश्य की पूर्ति में सहयोग देने की दृष्टि से ही ‘आत्म-विज्ञान’ ग्रन्थ लिखा गया, जो सम्प्रति उपलब्ध होने वाले योग के ग्रन्थों से सर्वदा अनूठा तथा शिरोमणि-ग्रन्थ है | इस ग्रन्थ के रचयिता बालब्रह्मचारी श्रद्धेय स्वामी श्री व्यासदेव जी महाराज योगीराज गङ्गोत्री वाले है । ‘आत्म विज्ञान’ क्या है ? आन्तरिक सूक्ष्मतम गूढ़ रहस्यों की ऐसी उत्तम, सरल, मनोरम तथा स्पष्ट व्याख्या है, जिसे देखकर ही, इसे अपने पास रखने की इच्छा प्रबल हो जाती है। योग निकेतन ट्रस्ट ने इसे प्रकाशित करके अपना कर्तव्य पूर्ण कर ने दिया था; इसमें अष्टाङ्ग – योग के अन्तरङ्ग की धारणा, ध्यान, समाधि, संयम अङ्गों पर विशेष प्रकाश डाला गया है,

2 in stock

Compare
Sale!
Weight 1000 g
Dimensions 22 × 14 × 3 cm

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Bahirang Yog”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sold By : The Rishi Mission Trust Categories: ,

Cart

Your Cart is Empty

Back To Shop