Weight | 500 g |
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Maan-tatha-bachcha-inake-rogon-
Rs.60.00Sold By : The Rishi Mission Trustयह पुस्तक मां, बेटी, बहु, पत्नी एवं बच्चों के रोगों से सम्बंधित है कुछ मुख्य विषय जो इस में विशेष है जैसे कष्ट रहित प्रसव, गर्भ धारण न होना, स्त्री का बंध्या अर्थात् बांज होना, गर्भपात हो जाना,ऋतू सम्बंधित कष्ट, योनी के रोग, स्तन के रोग, संतान के प्रसवकालीन कष्ट, संतान के शैशव तथा बाल्यकालीन कष्ट,बच्चे का सीर बड़ा होना,बच्चे का तुतलाना आदि अनेक रोगों व उनकी हम घर बैठे क्या उपचार कर सकते है की जानकारी के लिये बहुत ही हितकारी यह पुस्तक है आप इस अनमोल पुस्तक को अपने घर व पुस्तकालय में अवश्य रखें
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Mahabharatam महाभारतम
Rs.1,200.00Sold By : The Rishi Mission Trustमहाभारत ज्ञान का सबसे बड़ा कोश है, महाभारत महर्षि व्यास द्वारा प्रज्वलित ज्ञान प्रदीप है, यह धर्म का विश्वकोष है इस ग्रंथ में जहां आत्मा की अमरता का संदेश गीता है वहां राजनीति के संबंध में कणिक नीति, नारद नीति और विदुर नीति जैसे दिव्य उपदेश है जिसमें राजनीति के साथ साथ आचार और लोक व्यवहार का भी सुंदर निरूपण है सांस्कृतिक ऐतिहासिक धार्मिक राजनीतिक आदि अनेक दृष्टियों से महाभारत एक गौरवमय ग्रंथ है, इन्हीं गुणों के कारण इसे पांचवा वेद भी कहा जाता है, महाभारत इतना बड़ा ग्रंथ है कि साधन पाठक के लिए उसका पढना कठिन ही है स्वामी जी ने अत्यंत परिश्रम से यह संक्षिप्त संकलन तैयार किया है इसमें अश्लील असंभव गप्पों , असत्य और अनैतिहासिक घटनाओं को छोड़ दिया है, महाभारत का सार सर्वस्व इसमें दे दिया है, लोगों में ऐसी धारणा प्रचलित है कि जिस घर में महाभारत का पाठ होता है वहां गृह कलह लड़ाई झगड़ा आरंभ हो जाता है अतः घर में महाभारत नहीं पड़नी चाहिए यह धारणा सर्वथा मिथ्या और भ्रांत है, हमारा विश्वास है कि जहां महाभारत का पाठ होगा वहां के निवासियों के चरित्रों का उत्थान और मानव जीवन का कल्याण होगा हिचकिये नहीं महाभारत का पाठ कीजिए और इस की शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण कीजिये ,इस संस्करण में असंभव अश्लील और अश्लील कथाओं को निकाल दिया गया है लगभग 16000 श्लोकों में संपूर्ण महाभारत पूर्ण हुआ है श्लोकों का तारतम्य इस प्रकार मिलाया गया है कि कथा का संबंध निरंतर बना रहता है, यदि आप अपने प्राचीन गौरवमय इतिहास की, संस्कृति और सभ्यता की, ज्ञान विज्ञान की, आचार व्यवहार की झांकी देखना चाहते हैं, यदि योगीराज कृष्ण की नीतिमतता देखना चाहते हैं, यदि प्राचीन समय की राजव्यवस्था की झलक देखना चाहते हैं, यदि आप जानना चाहते हैं कि द्रोपती का चीर खींचा गया था, क्या एकलव्य का अंगूठा काटा गया था, क्या युध्द के समय अभिमन्यु की अवस्था 16 वर्ष की थी,क्या कर्ण सूत पुत्र था, क्या जयद्रथ को धोखे से मारा गया, क्या कोरवों की उत्पत्ति घड़ों से हुई थी? आदि
यदि आप भात्री प्रेम, नारी का आदर्श सदाचार, धर्म का स्वरूप, गृहस्थ का आदर्श, मोक्ष का स्वरूप, वर्ण और आश्रमों के धर्म, प्राचीन राज्य का स्वरूप आदि के संबंध में जानना चाहते तो एक बार इस ग्रंथ को अवश्य पढ़ें
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