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Mahabharat ke Prerak Prasang महाभारत के प्रेरक प्रसंग

Rs.60.00

भारतीय धर्म, दर्शन, संस्कृति, राजनीति, पारिवारिक व्यवस्था, मानवमूल्यों, मातृचरित्र एवं संस्कारों से युक्त वैदिक परम्पराओं के दिव्य पुनर्मन्थन का नाम ही महाभारत है। इसी पृष्ठभूमि पर देश में नवयुगीन संकल्पों का बीजारोपण हुआ। महाभारत ग्रंथ उसी दिव्यमंथन से उपजे जीवन मूल्य, संकल्प, प्रयोग, सूक्तियों एवं संदेश से भरा अभिनव संकलन है। जिसमें जीवननिर्माण, परिवार निर्माण, राष्ट्रनिर्माण तथा वैश्विक सम्बन्धों के दिव्य सूत्र समाहित हैं। एक दृष्टि से इसे भारत के भविष्य निर्माण का युगीन मॉडल या आइना कह सकते हैं। यही कारण है कि जब-जब समाज के सचेतकों को भविष्य के विकास की यात्रा में धुंधलाहट नजर आयी, सामाजिक विसंगतियों के घटाटोप से मानव निर्माण, राष्ट्र निर्माण, युग निर्माण का मार्ग अवरुद्ध हुआ, तभी उन्होंने अपने इस आइने की गहराई में उतरकर ग्रंथ में समाहित सतत् चेतन प्रसंगों-सूत्रों को साहित्य – संकल्प एवं सिद्धान्त से लेकर अपनी-अपनी विविध विधाओं के सहारे समाज पटल पर उतारने का प्रयास किया, जिससे जनमानस को वे प्रेरणायें मिल सकें, जिनके सहारे वह अपने अंतःपटल पर छाये कुहासे से मुक्त होकर समाज के पूरक के रूप में अपनी भूमिका तलाश सके। लेखक “आचार्य स्वदेश” के द्वारा रचित यह “महाभारत के प्रेरक प्रसंग” नामक ग्रंथ इसी दिशा में बढ़ाया एक विशिष्ट कदम है।

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भारतीय धर्म, दर्शन, संस्कृति, राजनीति, पारिवारिक व्यवस्था, मानवमूल्यों, मातृचरित्र एवं संस्कारों से युक्त वैदिक परम्पराओं के दिव्य पुनर्मन्थन का नाम ही महाभारत है। इसी पृष्ठभूमि पर देश में नवयुगीन संकल्पों का बीजारोपण हुआ। महाभारत ग्रंथ उसी दिव्यमंथन से उपजे जीवन मूल्य, संकल्प, प्रयोग, सूक्तियों एवं संदेश से भरा अभिनव संकलन है। जिसमें जीवननिर्माण, परिवार निर्माण, राष्ट्रनिर्माण तथा वैश्विक सम्बन्धों के दिव्य सूत्र समाहित हैं। एक दृष्टि से इसे भारत के भविष्य निर्माण का युगीन मॉडल या आइना कह सकते हैं। यही कारण है कि जब-जब समाज के सचेतकों को भविष्य के विकास की यात्रा में धुंधलाहट नजर आयी, सामाजिक विसंगतियों के घटाटोप से मानव निर्माण, राष्ट्र निर्माण, युग निर्माण का मार्ग अवरुद्ध हुआ, तभी उन्होंने अपने इस आइने की गहराई में उतरकर ग्रंथ में समाहित सतत् चेतन प्रसंगों-सूत्रों को साहित्य – संकल्प एवं सिद्धान्त से लेकर अपनी-अपनी विविध विधाओं के सहारे समाज पटल पर उतारने का प्रयास किया, जिससे जनमानस को वे प्रेरणायें मिल सकें, जिनके सहारे वह अपने अंतःपटल पर छाये कुहासे से मुक्त होकर समाज के पूरक के रूप में अपनी भूमिका तलाश सके। लेखक “आचार्य स्वदेश” के द्वारा रचित यह “महाभारत के प्रेरक प्रसंग” नामक ग्रंथ इसी दिशा में बढ़ाया एक विशिष्ट कदम है।

Weight 500 g
Dimensions 22 × 14 × 2 cm

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