Weight | 350 g |
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Sold By : The Rishi Mission Trust
Category: साक्षी प्रकाशन
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Sampoorn-chaanaky-neeti सम्पूर्ण चाणक्य नीति
Rs.195.00Rs.175.00Sold By : The Rishi Mission Trustलगभग 2350 वर्ष पूर्व लिखा गया यह कालजयी ग्रंथ-अर्थशास्त्रराजनीतिशास्त्र तथा प्रशासन व्यवस्था पर आज भी पूर्णतयः प्रासंगिक है , । चाणक्य वाणी * जो मनुष्य जिस कार्य में निपुण हो, उसे वही कार्य सौंपना चाहिए। अपनी शक्ति को जानकर ही कार्य आरम्भ करें। रात्रि के अंत में, यानी प्रातः काल में, दिनभर के कार्यों पर विचार बुरे मित्र से तो समझदार शत्रु ही ठीक है। बुद्धिमान मानव का कोई शत्रु नहीं होता। व्यवहार से ही आचरण जाना जाता है । निपुणता कोई जरूरी नहीं कि अच्छे गुणों के कारण हो । अत्याधिक चमकने पर भी जुगनू आग नहीं होता । विश्वासघाती की मुक्ति कभी नहीं होती। ज्ञानियों को संसार का भय नहीं होता । साधु पुरुष अपने जीवन को दूसरों की भलाई में लगा देते हैं । संयोग से कीट भी लकड़ी को कतरते-कतरते चित्रनुमा बना देता है। इसका मतलब यह नहीं कि वह चित्रकार है ।
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