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Pauraanik pop par vaidik top पौराणिक पॉप पर वैदिक तोप

500.00

पौराणिक पोप पर वैदिक तोप

 

आर्यसमाज का प्रारम्भिक युग शास्त्रार्थों का युग था। एक समय था जब आर्यसमाज के प्रत्येक उत्सव पर शास्त्रार्थ होता था। वह युग समाप्त हुआ परिणामस्वरूप नए-नए मत और पथ पुनः पनपने लगे।

इस ग्रन्थ के लेखक पं० मनसाराम जी ने जहाँ सहस्रों व्याख्यान दिए, सैकड़ों शास्त्रार्थ किए, वहीं अनेकों पुस्तकें भी लिखीं। महर्षि दयानन्द के अमर ग्रन्थ “सत्यार्थ प्रकाश” ने सभी मत-मतान्तरों की नींव हिला दी। जिसके विरुद्ध कई पुस्तकें लिखी गईं एवं दुष्प्रचार किया गया। सनातन धर्म के समस्त पण्डितों ने मिलकर “सनातन धर्म विजय” नाम से एक पुस्तक प्रकाशित करवाई। इस विचार से कि जनता में भ्रम न फैले, पं० श्री मनसारामजी आर्योपदेशक ने इस पुस्तक के उत्तर में एक महत्त्वपूर्ण पुस्तक, जिसका नाम “सनातन धर्म की मौत” (पौराणिक पोप पर वैदिक तोप), अत्यन्त परिश्रम से युक्त और प्रमाणपूर्वक लिखी।

यह पुस्तक पाण्डित्यपूर्ण, युक्ति और प्रमाण-पुर: सर शैली में लिखी गई है। प्रत्येक बात को सिद्ध करने के लिए वेद, स्मृति और शास्त्रार्थों के उद्धरण दिये गये हैं। पौराणिक गाथाओं की सही जानकारी प्राप्त करने का सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ है यह।

यह ग्रन्थ 1933 में उर्दू में छपा था। स्वामी जगदीश्वरानन्द जी ने अत्यन्त परिश्रमपूर्वक इसका अनुवाद किया है। सभी प्रमाणों को मूल ग्रन्थों से मिलाया है। जहाँ पते गलते थे, उन्हें शुद्ध कर दिया है। मूल उद्धरणों में जो मुद्रण की अशुद्धियाँ थीं, उन्हें भी शोध दिया है। इस प्रकार इस ग्रन्थ को उपयोगी बनाने का भरसक प्रयत्न किया है। स्थान-स्थान पर टिप्पणियाँ देकर इसकी गरिमा को और बढ़ाया है। इस बार मन्त्र और श्लोकों की अनुक्रमणिका देकर, उपयोगिता और बढ़ा दी गई है।

हमें पूर्ण विश्वास है कि यह पुस्तक पाठकों के हृदय और मस्तिष्क को उद्वेलित कर उन्हें वैदिक धर्म की ओर आकृष्ट करेगी।

(In Stock)

Sold By : The Rishi Mission Trust Category:
Weight 1500 g

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