ऋषि मिशन के पंजीकृत सदस्यों व सभी साहित्य प्रेमियों को वैदिक साहित्य की खरीद करने पर अब 10 से 40% की छूट उपलब्ध है, फ्री शिपिंग 2000/- की खरीद पर केवल पंजीकृत सदस्यों के लिए उपलब्ध रहेगी जिसे वह अपना कूपन कोड डालकर इसका लाभ उठा पाएंगे..... ऋषि दयानंद सरस्वती कृत 11 पुस्तकें निशुल्क प्राप्त करने के लिए 9314394421 पर सम्पर्क करें धन्यवाद
 

Rishi Mission is a Non Profitable Organization In India

Cart

Your Cart is Empty

Back To Shop

Rishi Mission is a Non Profitable Organization In India

Cart

Your Cart is Empty

Back To Shop
Sale

Prachin Shrimad Bhagwad Geeta प्राचीन श्रीमद्भगवद्गीता

Rs.29.75

(In Stock)

Compare
Sold By : The Rishi Mission Trust Category:

श्रीमद्भगवद्गीता संसार के अनुपम ग्रन्थों में से एक है। यह महाभारत के भीष्मपर्व में है, जहाँ से पृथक् निकाल कर प्रचार किया गया है। वहाँ यह 18 अध्याओं में 700 श्लोकों में पाया जाता है।
महाभारत युद्ध के आरम्भ में अर्जुन को शंका हो गई थी कि भाई – बन्धुओं खास कर गुरु और पितामह पर बाण चलाना पाप है। इस शंका का उत्तर उसको भगवान श्रीकृष्णचन्द्र जी महाराज ने जो कुछ दिया था, वही “भगवद्गीता” (भगवान के द्वारा गायन किया गया हुआ) कहलाती है। बहुतेरे लोगों का यह खयाल है कि उस युद्ध काल में रणभूमि में खड़े-खड़े इतना भारी व्याख्यान (700 श्लोकों में) दिया जाना सम्भव न था, किन्तु बहुत सम्भव है कि श्रीकृष्ण जी ने कुछ थोड़ा सा उपदेश दिया होगा जो पीछे से बढ़ता चला गया।
लोकमान्य पण्डित बालगंगाधर तिलक महाराज अपने गीतारहस्य के पृष्ठ 7 पर इसी प्रसंग को उठा कर अन्त में लिखते हैं— ” गीता की रचना के सम्बन्ध में मन की ऐसी प्रवृत्ति होने पर गीता सागर में डुबकी लगा कर, किसी ने सात, किसी ने अट्ठाईस, किसी ने छत्तीस और किसी ने सौ मूल श्लोक गीता के खोज निकाले हैं…. यह नहीं कि बहिरंग परीक्षा की ये सब बातें सर्वथा निरर्थक हैं। ”

निदान मैं स्वयं भी गत 37 सालों से भगवद्गीता का प्रेमी होने के कारण काफी युक्तियों के आधार पर इसी निर्णय पर आरूढ़ था कि निस्सन्देह श्रीकृष्णार्जुन संवाद वर्तमान भगवद्गीता से बहुत ही न्यून रहा होगा । मैं इस कोशिश में लगा था कि इस बात की जाँच करूँ कि वस्तुतः कृष्णार्जुन संवाद में कितने और कौन-कौन से श्लोक हो सकते हैं? परन्तु बहुत हाथ-पाँव मारने पर भी यथेष्ट सफलता न प्राप्त हो सकी। इतने में मुझे यह 70 श्लोकी गीता देखने का अवसर प्राप्त हुआ। मैंने इन श्लोकों को ध्यान से पढ़ा और परस्पर इनका एक-दूसरे के साथ सम्बन्ध या संगति लगा कर विचार किया तो मेरा दृढ़ विश्वास हो गया कि भगवान कृष्ण जी का उपदेश इतने ही में आ जाता है, मानो मूल ये 70 श्लोक थे और इन्हीं की व्याख्या में शेष श्लोक रचे गये, अतः मूल और टीका मिल कर आज 700 श्लोकों की भगवद्गीता मिलती है ।

इस प्रकार इन 70 श्लोकों की गीता के मिल जाने से मेरे अन्तःकरण में जो आनन्द प्राप्त हुआ, वह अकथनीय है और मैं गीता प्रेमी भाइयों को भी अपने इस “आनन्द” में सम्मिलित करने के लिये इस 70 श्लोकी गीता को पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित करता हूँ।

Weight 200 g
Dimensions 18 × 12 × 1 cm

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Prachin Shrimad Bhagwad Geeta प्राचीन श्रीमद्भगवद्गीता”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

X

Cart

Your Cart is Empty

Back To Shop