Shuddh Ramayan शुद्ध रामायण
Rs.225.00
भागलपुर और पटना वाली गंगा में केवल गंगाजल ही नहीं, रास्ते की अन्य नदियों का पानी भी है, कुछ गंगा के तट बसे हुए कानपुर, प्रयाग, काशी आदि नगरों की नालियों का पानी भी है। हमें तो चाहिए गंगाजल, गंगोत्री का शुद्ध गंगाजल
हम चाहते हैं कि रामायण सम्बन्धी हमारे इस ग्रन्थ को हमारे देश के नेता और सभी राष्ट्रप्रेमी मनोयोगपूर्वक पढ़ें। उनके नेत्र खुल जायेंगे | वे इस तथ्य को स्वीकार करेंगे कि रामायण-महाभारत मजहबी ग्रन्थ नहीं हैं, यह तो हमारे शुद्ध ऐतिहासिक राष्ट्रीय ग्रन्थ हैं। भारत सन्तान की अन्तरात्मा में राष्ट्रीयता की ज्योति को प्रज्वलित रखने के लिये इस प्रकार के ग्रन्थों का पाठशालाओं, स्कूलों, कालिजों के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाना आवश्यक है। जन-जन में सोई हुई राष्ट्र भावना जगे और वह धर्म भावना से संयुक्त होकर प्रत्येक मनु पुत्र के आत्म-कल्याण और विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करे, इस भावना से यह ग्रन्थ – रत्न सेवार्पित है।
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भागलपुर और पटना वाली गंगा में केवल गंगाजल ही नहीं, रास्ते की अन्य नदियों का पानी भी है, कुछ गंगा के तट बसे हुए कानपुर, प्रयाग, काशी आदि नगरों की नालियों का पानी भी है। हमें तो चाहिए गंगाजल, गंगोत्री का शुद्ध गंगाजल
हम चाहते हैं कि रामायण सम्बन्धी हमारे इस ग्रन्थ को हमारे देश के नेता और सभी राष्ट्रप्रेमी मनोयोगपूर्वक पढ़ें। उनके नेत्र खुल जायेंगे | वे इस तथ्य को स्वीकार करेंगे कि रामायण-महाभारत मजहबी ग्रन्थ नहीं हैं, यह तो हमारे शुद्ध ऐतिहासिक राष्ट्रीय ग्रन्थ हैं। भारत सन्तान की अन्तरात्मा में राष्ट्रीयता की ज्योति को प्रज्वलित रखने के लिये इस प्रकार के ग्रन्थों का पाठशालाओं, स्कूलों, कालिजों के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाना आवश्यक है। जन-जन में सोई हुई राष्ट्र भावना जगे और वह धर्म भावना से संयुक्त होकर प्रत्येक मनु पुत्र के आत्म-कल्याण और विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करे, इस भावना से यह ग्रन्थ – रत्न सेवार्पित है।
Weight | 1500 g |
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Dimensions | 26 × 20 × 3 cm |
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