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Shukla Yajurvedi Shatapatha Brahmin Madhyandini 1-3
Rs.1,800.00
वेदार्थ और कर्मकांड का अत्यंत प्रसिद्ध, अति प्राचीन ग्रंथ, महर्षि याज्ञवल्क्य और शाण्डिल्य मुनि की कृति, मूल ग्रंथ में 14 कांड है, 100 अध्याय और 7625 कण्डिकायें है। शतपथ ब्राह्मण की दो शाखाएं प्रसिद्ध है – माध्यन्दिनीय शाखा और काण्व, यह अनुवाद माध्यन्दिनीय शाखा का है। शतपथ ब्राह्मण का अंतिम कांड बृहदारण्यक उपनिषद के नाम से विख्यात है, जो अध्यात्म की सर्वश्रेष्ठ रचना है। डॉ. अलबेर्त वेबेर ने बड़े परिश्रम से माध्य नंदिनी शाखा के शतपथ ब्राह्मण का स्वर संयुक्त संस्करण बर्लिन से प्रकाशित किया था 1849 उसे ही हिंदी अनुवाद के साथ दिया गया है
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