ऋषि मिशन न्यास परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है, 1000 से अधिक की खरीद पर शिपिंग फ्री एवं दुर्लभ साहित्य के लिए हमारी www.rishimission.org पर जाएँ अधिक जानकारी के लिए 9314394421 पर संपर्क करें
 

Rishi Mission is a Non Profitable Organization In India

Rishi Mission is a Non Profitable Organization In India

Achar shiksha आचार शिक्षा

65.00

मानव जीवन और आचार मनुष्य किसी विशेष लक्ष्य की सिद्धि के लिए जन्म लेता है। मानव-जन्म पूर्वार्जित सत्कर्मों का फल है। इसकी सफलता का मार्ग प्रशस्त करने के साधन को आचार या चरित्र कहा जाता है। आचार मानव जीवन के सर्वांगीण विकास की एक प्रक्रिया है। किस प्रकार जीवन का उत्थान-पतन होता है, किस प्रकार सफलता या असफलता प्राप्त होती है, किन साधनों से मानव को श्रेय और प्रेय की प्राप्ति होती है और किस प्रकार मानव भौतिक उन्नति के द्वारा संसारिक सुखों का उपभोग करके अपवर्ग या मोक्ष का पात्र होता है, इन सब विषयों का चिन्तन आचार- शिक्षा में होता है। आचार-शिक्षा मानव जीवन में सुसंस्कृति का काम करती है। यह दुर्गुणों, दुर्विचारों, दुर्भावों और दूषित तत्त्वों को हृदय से निकाल कर उनके स्थान पर सद्गुणों, सद्विचारों, सद्भावों और सत्प्रवृत्तियों को बद्धमूल करती है। यह कहना अत्युक्ति न होगी कि आचार ही मनुष्य का स्वरूप है। मानव जीवन का इतिवृत्त मानव के नैतिक स्वरूप की व्याख्या है।

मनु ने सदाचार को धर्म का प्रमुख अंग माना है। वेद और स्मृतियों के तुल्य सदाचार धर्म का साक्षात् निर्देशक है ।

वेदः स्मृतिः सदाचारः, स्वस्य च प्रियमात्मनः ।

एतच्चतुर्विधं प्राहुः साक्षाद् धर्मस्य लक्षणम् ॥ मनु० २-१२ ”

सदाचारी को ही धार्मिक कृत्यों का शुभ फल प्राप्त होता है। आचारहीन को वेदाध्ययन आदि का पुण्य नहीं होता है। (मनु० १ १०९ ) । सभी तपस्याओं का मूल आचार है। (मनु० १-११० ) । जो व्यक्ति दुष्ट भावना वाले हैं, उन्हें सफलता नहीं मिलती है । ( मनु० २-९७ ) । यहाँ तक कहा गया है कि आचारहीन को वेद भी पवित्र नहीं कर सकते हैं।

Out of stock

Sold By : The Rishi Mission Trust SKU: 5 Category:
Weight 150 g

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Achar shiksha आचार शिक्षा”

Your email address will not be published. Required fields are marked *